सिविल सेवक (Civil Servant) बनने के दो लोकप्रिय तरीके हैं. पहला- संघ
लोक सेवा आयोग (यूपीएससी), दूसरा- राज्य लोक सेवा आयोगों के द्वारा.
यूपीएससी प्रत्येक वर्ष विभिन्न सेवाओं- आईएएस, आईपीएस, आईएफएस एवं आईआरएस
इत्यादि हेतु योग्य उम्मीदवारों के चयन हेतु परीक्षाएं आयोजित करती है.
सिविल सेवा भर्ती के लिए नोटिफिकेशन सामान्यतया दिसंबर महीने में निकलती है
तथा एक योग्य उम्मीदवार को सिविल सेवक बनने के लिए दो क्रमिक स्तरों से
गुजरना पड़ता है:
सिविल सेवा प्रारम्भिक परीक्षा - यह एक स्क्रीनिंग टेस्ट है. परीक्षा की प्रकृति वैकल्पिक होती है. इसका उद्देश्य अगले चरण की मुख्य परीक्षा हेतु उम्मीदवारों का चयन होता है.
सिविल सेवा मुख्य परीक्षा – इसमें मुख्य परीक्षा तथा साक्षात्कार सम्मिलित होता है. इस परीक्षा के द्वारा ही विभिन्न सेवाओं - आईएएस, आईपीएस इत्यादि के लिए उम्मीदवारों का चयन होता है.
परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए न्यूनतम आयू 21 वर्ष तथा अधिकतम 30 वर्ष (1 अगस्त तक जिस वर्ष परीक्षा देनी हो) होती है. आयु की अधिकतम सीमा में एससी/एसटी के लिए 5 वर्ष, ओवीसी के लिए 3 वर्ष, विकलांगों के लिए 10 वर्ष की छूट होती है. साथ ही एक योग्य उम्मीदवार को भारत सरकार/राज्य सरकार या यूजीसी के द्वारा मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक होना चाहिए.
लेकिन यदि किसी वजह से व्यक्ति यूपीएससी के माध्यम से सिविल सेवक बनने से चूक जाए तो राज्य लोक सेवा आयोग एक अवसर मुहैया कराती है. सभी राज्यों की अपनी लोक सेवा आयोग होती है जो तीन स्तरों के सिविल सेवकों का चयन करते हैं:
प्रशासनिक सेवा - यह क्लास-टू सेवा होती है, इसमें सबडिविजनल मजिस्ट्रेट या पुलिस उपाध्यक्ष इत्यादि आते हैं.
अधीनस्थ सेवा - ये क्लास-थ्री सेवा होती है, जिसमें विभिन्न विभागों के लिए इंस्पेक्टरों, समीक्षा अधिकारियों या क्लर्कों की भर्ती होती है.
न्यायिक सेवा - ये क्लास-टू सेवा होती है, जिसमें सिविल जज, जूनियर डिविजनल (मुंसिफ मजिस्ट्रेटों), असीस्टेंट पब्लिक प्रोसेक्यूटर इत्यादि के लिए भर्ती होती है.
सिविल सेवा प्रारम्भिक परीक्षा - यह एक स्क्रीनिंग टेस्ट है. परीक्षा की प्रकृति वैकल्पिक होती है. इसका उद्देश्य अगले चरण की मुख्य परीक्षा हेतु उम्मीदवारों का चयन होता है.
सिविल सेवा मुख्य परीक्षा – इसमें मुख्य परीक्षा तथा साक्षात्कार सम्मिलित होता है. इस परीक्षा के द्वारा ही विभिन्न सेवाओं - आईएएस, आईपीएस इत्यादि के लिए उम्मीदवारों का चयन होता है.
परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए न्यूनतम आयू 21 वर्ष तथा अधिकतम 30 वर्ष (1 अगस्त तक जिस वर्ष परीक्षा देनी हो) होती है. आयु की अधिकतम सीमा में एससी/एसटी के लिए 5 वर्ष, ओवीसी के लिए 3 वर्ष, विकलांगों के लिए 10 वर्ष की छूट होती है. साथ ही एक योग्य उम्मीदवार को भारत सरकार/राज्य सरकार या यूजीसी के द्वारा मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक होना चाहिए.
लेकिन यदि किसी वजह से व्यक्ति यूपीएससी के माध्यम से सिविल सेवक बनने से चूक जाए तो राज्य लोक सेवा आयोग एक अवसर मुहैया कराती है. सभी राज्यों की अपनी लोक सेवा आयोग होती है जो तीन स्तरों के सिविल सेवकों का चयन करते हैं:
प्रशासनिक सेवा - यह क्लास-टू सेवा होती है, इसमें सबडिविजनल मजिस्ट्रेट या पुलिस उपाध्यक्ष इत्यादि आते हैं.
अधीनस्थ सेवा - ये क्लास-थ्री सेवा होती है, जिसमें विभिन्न विभागों के लिए इंस्पेक्टरों, समीक्षा अधिकारियों या क्लर्कों की भर्ती होती है.
न्यायिक सेवा - ये क्लास-टू सेवा होती है, जिसमें सिविल जज, जूनियर डिविजनल (मुंसिफ मजिस्ट्रेटों), असीस्टेंट पब्लिक प्रोसेक्यूटर इत्यादि के लिए भर्ती होती है.
No comments:
Post a Comment