शॉपिंग मॉल की कौन सी चतुराई भरी नीति होती है कि ग्राहक गैर जरूरी सामान खरीद लेता है?

शॉपिंग मॉल वाले अपने ग्राहकों को लूटने के लिए ऐसी गंदी रणनीति बनाते हैं जिसे जानकर आप चौक जायेंगे

शॉपिंग मॉल में अक्सर सामान के मूल्य साइकोलॉजी के अनुसार रखे जाते हैं, जैसे ₹100 के बजाय ₹99 , 500 रुपये के बजाय ₹499, 1000 रुपये के बजाय ₹999 ...यह रणनीति ग्राहक के लिए साइकोलॉजिकल इफेक्ट का काम करती है और ग्राहक को लगता है की मूल्य काफी कम है


इसके अलावा शॉपिंग मॉल वाले मॉल के अंदर एस्केलेटर जानबूझकर पीछे लगाते हैं ताकि ग्राहक पूरा माल का चक्कर लगाकर जाए जिससे रास्ते में उसकी नजर गैर जरूरी सामानों पर पड़े और वह उन्हें खरीदें और हर एक मॉल में मूवी थिएटर टॉप फ्लोर पर होता है ताकि फिल्म देखने जाने वाले लोग भी मॉल से होकर जाएं और कुछ न कुछ खरीदारी करते रहे

शॉपिंग मॉल वाले बहुत सी चीजों को सीधे निर्माता से अपने लिए खास पैकेजिंग और खास वजन में मंगाते हैं

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अभी कुछ दिन पहले मैं चायपत्ती लेने एक मॉल में गया जो बाजार से ₹20 सस्ती थी मैंने खरीद लिया घर आकर जब मैंने ठीक से वजन देखा तब वहां पर 500 ग्राम की बजाय 460 ग्राम लिखा था मैंने चाय की कंपनी के कस्टमर केयर नंबर पर फोन किया तो पता चला शॉपिंग मॉल ने अपने लिए विशेष पैकेजिंग बनाया है

ऐसे ही शॉपिंग मॉल वाले शैंपू भी निर्माता से 50% एक्स्ट्रा प्रिंट वाले लेते हैं जबकि उनमें कोई भी एक्स्ट्रा नहीं होता आप यह शैंपू के दोनों पैकेट देख सकते हैं एक जो मैंने शॉपिंग मॉल में लिया दूसरा मैंने साधारण दुकान से लिया दोनों में 6 ग्राम शैंपू है लेकिन मॉल वाले शैंपू के पाउच पर 50% एक्स्ट्रा लिखा हुआ है ताकि ग्राहक आकर्षित होकर खरीदें



शॉपिंग मॉल वाले छूट के नाम पर ग्राहकों को सबसे ज्यादा मूर्ख बनाते हैं .. कीमत को ज्यादा दिखाकर फिर 50% डिस्काउंट देते हैं इतना ही नहीं यह सेल तब लगाते हैं जब इन्हें पता होता है हॉस्टल में रहकर पढ़ने वाले छात्रों के मां बाप अपने बच्चों को पैसा भेजते होंगे

इसीलिए मित्रों हमें हमेशा खरीदारी स्ट्रीट शॉपिंग करनी चाहिए ताकि हम कोई गैर जरूरी सामान ना खरीदें और सड़कों पर चलने से हमारा स्वास्थ्य भी अच्छा होगा

इतना ही नहीं शॉपिंग माल वाले अपने मॉल में आजकल खाने-पीने का स्टॉल जरूर रखते हैं ताकि ग्राहक उसी बहाने मॉल में आकर्षित और शॉपिंग मॉल में जो सामान बेहद जरूरी होता है जैसे सब्जी और दूध उसे हमेशा मॉल के पीछे हिस्से में रखा जाता है ताकि ग्राहक उसे लेने के लिए मॉल का पूरा चक्कर लगाकर जाए और रास्ते में और भी तमाम चीजें देखते हुए और उन्हें खरीदते हुए जाए

शॉपिंग मॉल वाले बच्चों को आकर्षित करने के लिए बहुत मेहनत करते हैं ताकि बच्चे जिद करके मॉल में आए और अपने मां-बाप की जेब ढीली करें

जब भी आप आर्थिक संकट में हो तब आप आप अपनी खरीदारी मोहल्ले के दुकान या स्ट्रीट शॉपिंग से करें क्योंकि जब भी मैं मॉल से आने के बाद घर पर सामानों को देखता हूं तो मुझे पता चलता है आधे से ज्यादा सामान हम ऐसे खरीद लेते हैं जो हमारे लिए गैर जरूरी होते हैं और वह अलमारी में रखे रखे खराब हो जाते हैं

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