लिफ्ट में दर्पण क्यों होते हैं? इसके पीछे की कहानी बड़ी दिलचस्प है।
शुरुआती औद्योगिक युग में जब बड़ी इमारतों का निर्माण शुरू किया गया था, तो लिफ्ट का विचार मानव मन में आया। लेकिन उस समय ये लिफ्ट बहुत धीमी थी और इसलिए लोग निराश हो गए और लिफ्ट की गति के बारे में आलोचना करने लगे। तब कुछ लोगो को एक विचार आया और उन्होंने पाया कि यह प्रतीक्षा, मनोवैज्ञानिक पक्ष के अलावा और कुछ नहीं है। चिंता प्रतीक्षा समय को अधिक लंबा कर देती है।इंजीनियरों ने कई समाधानों का प्रस्ताव दिया, जिसमें उन्होंने लिफ्ट में दर्पण लगाए। ये आइडिया कामयाब हुआ।
बहुत से लोगों को क्लॉस्ट्रोफोबिक की समस्या होती है। बंद या छोटे स्थानों में होने के डर को क्लस्ट्रोफोबिक कहा जाता है। लिफ्ट में दर्पण होने से क्लौस्ट्रफोबिक की समस्या कम हो जाती है। लिफ्ट में शीशे लगे होने से आप का ध्यान चारों तरफ बना रहता है जिससे आप अगल-बगल ध्यान रख सकते हैं। कोई अगर चोरी करने या परेशान करने की कोशिश करे तो आप उसे देख सकते है।
शुरुआती औद्योगिक युग में जब बड़ी इमारतों का निर्माण शुरू किया गया था, तो लिफ्ट का विचार मानव मन में आया। लेकिन उस समय ये लिफ्ट बहुत धीमी थी और इसलिए लोग निराश हो गए और लिफ्ट की गति के बारे में आलोचना करने लगे। तब कुछ लोगो को एक विचार आया और उन्होंने पाया कि यह प्रतीक्षा, मनोवैज्ञानिक पक्ष के अलावा और कुछ नहीं है। चिंता प्रतीक्षा समय को अधिक लंबा कर देती है।इंजीनियरों ने कई समाधानों का प्रस्ताव दिया, जिसमें उन्होंने लिफ्ट में दर्पण लगाए। ये आइडिया कामयाब हुआ।
बहुत से लोगों को क्लॉस्ट्रोफोबिक की समस्या होती है। बंद या छोटे स्थानों में होने के डर को क्लस्ट्रोफोबिक कहा जाता है। लिफ्ट में दर्पण होने से क्लौस्ट्रफोबिक की समस्या कम हो जाती है। लिफ्ट में शीशे लगे होने से आप का ध्यान चारों तरफ बना रहता है जिससे आप अगल-बगल ध्यान रख सकते हैं। कोई अगर चोरी करने या परेशान करने की कोशिश करे तो आप उसे देख सकते है।
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