गणतंत्र दिवस - भाषण (26 जनवरी)
** आदरणीय मुख्य अतिथि महोदय/महोदया, शिक्षक गण और मेरे प्यारे साथियों!**
आज का दिन हमारे देश के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय है। 26 जनवरी 1950 को इसी दिन हमारा गौरवशाली देश भारत, एक लोकतांत्रिक गणराज्य बना था।
आज के इस शुभ अवसर पर मैं आप सभी को 75वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देता/देती हूँ।
यह दिन हमें उन महान स्वतंत्रता सेनानियों को याद करने का अवसर देता है जिन्होंने अपने अथक प्रयासों और बलिदानों से हमें आजादी दिलाई। साथ ही, डॉ. बी आर अंबेडकर और संविधान सभा के अन्य सदस्यों को भी नमन करना चाहिए जिन्होंने भारत के लोकतांत्रिक गणराज्य का आधार – भारतीय संविधान तैयार किया।
संविधान ने हमें मौलिक अधिकार, कर्तव्य और स्वतंत्रताएं प्रदान की हैं। यह वही दस्तावेज है जो हमारे देश में समानता, न्याय और स्वतंत्रता का वादा करता है।
आजादी के बाद से भारत ने विकास की एक लंबी यात्रा तय की है। विज्ञान, अंतरिक्ष, कृषि और उद्योग जैसे क्षेत्रों में हमने उल्लेखनीय प्रगति की है।
लेकिन अभी भी हमें गरीबी, भ्रष्टाचार और सामाजिक असमानता जैसी चुनौतियों से पार पाना है।
हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि मिलजुलकर इन चुनौतियों का सामना करेंगे। अपने देश को और भी मजबूत और समृद्ध बनाएंगे।
आने वाली पीढ़ी को एक बेहतर भारत देने के लिए हमें शिक्षा, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान देना होगा।
आइए हम सब मिलकर राष्ट्रीय ध्वज को सलाम करें और ये शपथ लें कि:
- हम भारत के संविधान का सम्मान करेंगे और उसके आदर्शों को बनाए रखेंगे।
- हम अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे और देश के विकास में अपना योगदान देंगे।
- हम राष्ट्रीय एकता और अखंडता बनाए रखने का प्रयास करेंगे।
जय हिन्द!
ध्यान दें: आप इस भाषण में अपने आसपास हो रहे किसी कार्यक्रम या उपलब्धियों का जिक्र भी कर सकते हैं। साथ ही भाषण को छोटा या बड़ा करने के लिए आप कुछ अंशों को हटा या जोड़ सकते हैं।
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