बिहार दिवस - भाषण
आदरणीय मुख्य अतिथि महोदय/महोदया, शिक्षक गण और मेरे प्यारे बिहारवासियों!
आज के शुभ दिन 22 मार्च को हम सभी बिहार दिवस पूरे हर्षोल्लास के साथ मना रहे हैं। यह दिन हमारे लिए गर्व का क्षण है, क्योंकि इसी दिन 1912 में बिहार को एक अलग राज्य के रूप में अस्तित्व मिला था।
इस खास अवसर पर मैं आप सभी को बिहार दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देता/देती हूँ।
बिहार का इतिहास गौरवशाली रहा है। प्राचीन काल में मगध साम्राज्य का केंद्र रहा बिहार, ज्ञान और शिक्षा का प्रमुख स्थल था। सम्राट अशोक, चाणक्य, आर्यभट्ट जैसी विभूतियों ने इस धरती को पवित्र किया है। यहां विश्वविख्यात नालंदा विद्यालय ज्ञान का दीप जलाता था।
बिहार की धरती ने ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को चंपारण सत्याग्रह के माध्यम से स्वतंत्रता संग्राम की दिशा दिखाई। डॉ. राजेंद्र प्रसाद, देश के पहले राष्ट्रपति भी बिहार के सपूत थे।
आज बिहार विकास की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। शिक्षा, कृषि और उद्योग के क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहे हैं।
लेकिन हमें यह भी स्वीकार करना होगा कि अभी भी बिहार को कई चुनौतियों का सामना करना है। गरीबी, बेरोजगारी और साक्षरता दर को बढ़ाने पर हमें और अधिक ध्यान देने की जरूरत है।
बिहार दिवस हमें यह संकल्प लेने का अवसर देता है कि मिलकर हम बिहार को और भी मजबूत बनाएंगे। अपनी संस्कृति और परंपराओं को सहेजते हुए, आधुनिकता के साथ कदम से कदम मिलाकर चलेंगे।
आइए हम सब मिलकर ये शपथ लें कि:
- हम बिहार के गौरवशाली इतिहास और संस्कृति को संजोएंगे।
- शिक्षा और कौशल विकास पर ज़ोर देकर बिहार को प्रगति के पथ पर आगे ले जाएंगे।
- समाज में एकता और सद्भाव बनाए रखेंगे।
जय बिहार!
ध्यान दें: आप इस भाषण में बिहार की किसी विशेष उपलब्धि या किसी क्षेत्र में हो रहे सकारात्मक बदलाव का जिक्र भी कर सकते हैं। साथ ही भाषण को छोटा या बड़ा करने के लिए आप कुछ अंशों को हटा या जोड़ सकते हैं।
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